Khana khane ki dua in hindi: जानिए इस्लामिक सुन्नत का फायदा

Khana khane ki dua in hindi: जानिए इस्लामिक सुन्नत का फायदा

परिचय (Introduction):

Khana khane se pahle और baad ki dua पढ़ना इस्लाम धर्म में एक महत्वपूर्ण परंपरा है। यह न केवल अल्लाह का शुक्रिया अदा करने का तरीका है बल्कि स्वास्थ्य और रुहानियत को भी संतुलित करता है। आज के इस ब्लॉग में, हम खाना खाने की दुआ, इसे पढ़ने का सही तरीका, और इसके फायदे के बारे में जानेंगे।


खाना खाने की दुआ क्या है?

इस्लामिक मान्यताओं के अनुसार, खाने से पहले दुआ पढ़ने से वह भोजन हलाल और बरकत वाला बनता है। दुआ अल्लाह का आभार व्यक्त करने और भोजन को शुद्ध करने का एक तरीका है।

खाने से पहले की दुआ:
Khana khane ki dua
Khana khane ki dua in hindi


“बिस्मिल्लाहि व अला बर्कतिल्लाह।”
(अर्थ: शुरु अल्लाह के नाम से और उसकी बरकत के साथ।)

खाने के बाद की दुआ:

“अल्हम्दु लिल्लाहिल्लज़ी अतअमना व सक़ाना व जअलना मिनल मुसलिमीन।”
(अर्थ: सभी प्रशंसा अल्लाह के लिए है, जिसने हमें खिलाया, पिलाया और हमें मुसलमान बनाया।)


दुआ पढ़ने का सही तरीका:

  1. खाने से पहले:

    • खाना शुरू करने से पहले हमेशा “बिस्मिल्लाह” कहें।
    • अगर बीच में भूल जाएं, तो याद आने पर कहें:

      “बिस्मिल्लाहि अव्वलहू व आख़िरहू।”
      (अर्थ: अल्लाह के नाम से, शुरुआत से लेकर अंत तक।)

  2. खाने के बाद:

    • भोजन समाप्त होने पर तहे दिल से अल्लाह का शुक्रिया अदा करें।
    • ऊपर बताई गई दुआ पढ़ें।

खाना खाने की दुआ के फायदे:

  1. आध्यात्मिक शांति:
    दुआ पढ़ने से दिल को सुकून मिलता है और यह हमें अल्लाह के करीब लाता है।

  2. शुक्रगुजारी का भाव:
    यह हमें सिखाता है कि हमें हर चीज के लिए अल्लाह का शुक्रिया अदा करना चाहिए।

  3. भोजन में बरकत:
    दुआ पढ़ने से खाने में बरकत आती है और वह स्वास्थ्यवर्धक बनता है।

  4. बुरी चीजों से बचाव:
    दुआ हमें हर बुराई और नकारात्मकता से बचाती है।


खाने से जुड़ी इस्लामिक एटीकेट्स (सदाचार):

  1. हाथ धोना: खाना खाने से पहले और बाद में हाथ धोना सुन्नत है।
  2. दाएं हाथ से खाना: हमेशा दाएं हाथ से खाना चाहिए।
  3. बैठकर खाना: खड़े होकर खाने की बजाय बैठकर खाना इस्लामिक परंपरा है।
  4. शेयर करना: दूसरों के साथ खाना शेयर करना अल्लाह को बहुत पसंद है।

निष्कर्ष (Conclusion):

खाना खाने की दुआ इस्लाम की एक सुंदर परंपरा है जो हमें अल्लाह के आशीर्वाद के प्रति कृतज्ञ बनाती है। इसे पढ़ने से न केवल हमारी आत्मा को शांति मिलती है बल्कि यह हमारे स्वास्थ्य के लिए भी लाभदायक है।
आइए, इस सुन्नत को अपनाएं और इसे दूसरों तक भी पहुंचाएं।


 

FAQs Section:

  1. खाने से पहले की दुआ क्यों पढ़ी जाती है?
    यह अल्लाह का शुक्रिया अदा करने और खाने में बरकत लाने के लिए पढ़ी जाती है।

  2. क्या दुआ अरबी में पढ़नी जरूरी है?
    हां, इसे अरबी में पढ़ना बेहतर है, लेकिन अर्थ समझना भी जरूरी है।

  3. दुआ भूल जाएं तो क्या करें?
    याद आने पर “बिस्मिल्लाहि अव्वलहू व आख़िरहू” कहें।


अगर यह जानकारी आपको उपयोगी लगी हो, तो इसे शेयर करें और दूसरों को भी इस्लामिक सुन्नतों के बारे में बताएं। 😊


Read more

एक टिप्पणी भेजें

और नया पुराने